हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस ब्लॉग में आज की पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण में पदबंध क्या है ? इस पर चर्चा करेंगे.......
पदबंध क्या है ?
कई पदो के योग से बने वाक्यांशो को, जो एक ही पद का काम करता हैं, "पदबंध" कहते हैं।
पदबंध को "वाक्यांश" भी कहते हैं। जैसे-
1- सबसे तेज दौड़ने वाला छात्र जीत गया।
2- यह लड़की अत्यंत सुशील और परिश्रमी है।
3- नदी बहती चली जा रही है।
4- नदी कल कल करती हुई बह रही थी।
उपर्युक्त वाक्यों में रंगीन छपे शब्द पदबंध हैं। पहले वाक्य के "सबसे तेज दौड़ने वाला छात्र" में पाँच पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् संज्ञा का कार्य कर हैं। दूसरे वाक्य के "अत्यंत सुशील और परिश्रमी" में भी चार पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् विशेषण का कार्य कर रहें हैं। तीसरे वाक्य के बहती चली जा रही है, में पाँच पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् क्रिया का काम कर रहे हैं। चौथे वाक्य के कल कल करती हुई में तीन पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् क्रिया विशेषण का काम कर रहे हैं।
पदबंध के प्रकारः
पदबंध चार प्रकार के होते हैं-
संज्ञा पदबंध, विशेषण पदबंध, क्रिया पदबंध और क्रिया विशेषण पदबंध।
1- संज्ञा पदबंध- पदबंध का अंतिम अथवा शीर्ष शब्द यदि संज्ञा हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हो तो
वह संज्ञा पदबंध कहलाता है। जैसे-
1- चार ताकतवार मजदूर इस भारी चीज को उठा पाए।
2- राम ने लंका के राजा रावण को मार गिराया।
3- अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे।
4- आसमान में उड़ता गुब्बारा फट गया।
उपर्युक्त वाक्यों में रंगीन छपे शब्द संज्ञा पदबंध है।
2- विशेषण पदबंध- पदबंध का शीर्ष अथवा अंतिम शब्द यदि विशेषण हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित
हों तो वह विशेषण पदबंध कहलाता है। जैसे-
1- तेज चलनी वाली गड़ियाँ प्रायः देर से पहुँचती हैं।
2- उस घर के कोने में बैठा हुआ आदमी जासूस है।
3- उसका घोड़ा अत्यंत सुंदर, फुरतीला और आज्ञाकारी है।
4- बरगद और पीपल की घनी छाँव से हमें बहुत सुख मिला।
उपर्युक्त वाक्यों में रगीन छपे शब्द विशेषण हैं।
3- क्रिया पदबंध- क्रिया पदबंध में मुख्य क्रिया पहले आती है। उसके बाद अन्य क्रियाएँ मिलकर एक समग्र
इकाई बनाती है। यही क्रिया पदबंध है। जैसे-
1- वह बाजार की ओर आया होगा ।
2- मुझे मोहन छत से दिखाई दे रहा है ।
3- सुरेश नदी में डूब गया ।
4- अब दरवाजा खोला जा सकता है ।
उपर्युक्त वाक्यों में रगीन छपे शब्द क्रिया पदबंध हैं।
4- क्रिया विशेषण पदबंधः यह पदबंध मूलतः क्रिया का विशेषण रूप होने के कारण प्रायः क्रिया से पहले आता
है। इसमें क्रियाविशेषण प्रायः शीर्ष स्थान पर होता है, अन्य पद उस पर आश्रित होते हैं। जैसे-
1- मैने रमा की आधी रात तक प्रतीक्षा की।
2- उसने साँप को पीट पीटकर मारा।
3- छात्र मोहन की शिकायत दबी जबान से कर रहे थे।
4- कुछ लोग सोते-सोते चलते है।
उपर्युक्त वाक्यों में रगीन छपे शब्द क्रिया विशेषण पदबंध हैं।
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